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Showing posts from April, 2012

अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक अक्षय तृतीया

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अक्षय तृतीया के अति पावन शुभ अवसर पर इस बार राजा सूर्य और मंत्री गुरु का दिव्य संयोग बन रहा है। ज्योतिषी के अनुसार 24 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन 12 वर्ष बाद राजा-मंत्री यानी गुरु-सूर्य का सुंदर योग बन रहा है। इससे पहले 6 मई 2000 को ऐसा योग बना था। 2012 के बाद 2024 में यह योग बनेगा। इस दिन रोहिणी नक्षत्र पूरे दिन-रात को रहेगा। अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक अक्षय तृतीया को कहा जाता है। इस दिन सूर्य एवं चंद्रमा दोनों ही अपनी-अपनी उच्च राशि में रहेंगे और वह भी गुरु के साथ। सूर्य के साथ मेष राशि में गुरु भी रहेंगे। जो कभी क्षय नहीं होती उसे अक्षय कहते हैं। कहते हैं कि इस दिन जिनका परिणय-संस्कार होता है उनका सौभाग्य अखंड रहता है। इस दिन महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए भी विशेष अनुष्ठान होता है जिससे अक्षय पुण्य मिलता है। स्वयंसिद्ध मुहूर्त : इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। इस बार की अक्षय तृतीया पर मंगलवार के दिन सूर्यदेवता अपनी उच्च राशि मेष में रहेंगे। और वही इस दिन

जीवन में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है|

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जीवन में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है| रुद्राक्ष के बारे में लोगो में काफी भ्रम व्याप्त है|विश्व में सबसे अधिक रुद्राक्ष की फसल "इंडोनेशिया"में होती है,  तत्पश्चात  नेपाल,अफ्रीका,जावा,सुमात्रा,मलेशिया,भूटान तथा भारत में (असम,हिमालय की तराई,दक्षिण  भारत) में होती है रुद्राक्ष केवल नेपाल का ही शुभ होता है एसी बात मिथ्या है यह मान्यता हिन्दुओं में हिंदू देवता शिव के साथ जुडी हूई है परन्तु यथार्थ में किसी भी देश-प्रदेश के रुद्राक्ष का स्वभाव-तासीर एक ही है| नेपाल में बड़े आकार के  दाने पैदा होते है जबकि इंडोनेशिया में छोटे आकार के सर्वाधिक मात्रा में पाए जाते है| रुद्राक्ष का मुख्य व सीधा सा कार्य मानसिक शांति प्रदान करना है इसकी अपनी एक चुम्बकीय शक्ति होती है, जो कि ब्लड-प्रेशर को  संतुलित कर ह्रदय को मजबूती प्रदान करती है| रुद्राक्ष एक्यूप्रेशर का कार्य करता है| इसके उठे हुए नोक उंगलियों को उचित दवाब देते है, जिसमे ह्रदय सम्बन्धी ऊँगली भी है| जिससे ह्रदय को बल मिलता है|रुद्राक्ष में छेद नहीं होता बल्कि वृक्ष से तोड़ने के  बाद किया जाता है इनके छिलके मजबूत होते है| एक विशेष प्र

शास्त्रों के कथनों को सब लोग अपने अपने ढंग से अर्थ करते है जैसे ........

1.झूठ बोलने बाला व्यापारी कहता है -व्यापार में झूठ मिले हुए सत्य के बिना काम ही नहीं चलता |मनु महाराज ने --कहा है --सत्यानिर्तं तू वाणिज्यम्  व्यापार में मिथ्या भाषण अपराध नहीं माना  गया है २.परिवार में मोह- आसक्ति रखने वाला सोचता है -भगवन ने इनको हमारे हांथो सोंपा है ,इसलिए इनकी सार-सभाल करना हमारा धर्म है .......  ३. आलसी कहता है --अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम, दास मलूका कह गए सब के दाता राम ||

आत्म विशवास की परीक्षा के १६ प्रश्न -

आत्म विश्वास कि मर्यादित मात्रा जीवन के बहुमूल्य रत्नों में से एक है इसके विना हम किसी कार्य में सफलता नहीं पा सकते !इसलिए हमें अपने जीवन में आत्मविश्वास की मात्रा की परीक्षा आत्म निरीक्क्षण द्वारा प्रतिदिन करते रहना चाहिए यह काम कठिन नहीं है !दूसरों के सामने हम अपने ह्रदय की कायरता को छिपाने के  लिए  कुछ देर आत्मविश्वास होने के ढोंग कर सकते है ,किन्तु अपने को धोखा तो नहीं दे सकते ! आत्मविश्वास  की परीक्षा के लिए आप अपने से निम्न प्रश्न पूछिए .... १.बड़े आदमियों से भेंट करते हुए आप को संकोच तो नहीं होता ? २. सामाजिक मेलजोल में आपकी दिलचस्पी तो काम नहीं है ? ३ जिम्मेदारी के कामो का आप पूरा स्वागत तो करते है ? ४ सामान्य व्यवहार में आप को वेचैनी सी तो नहीं होती है ?सहज सरलता से आप सबसे मिलजुल लेते है ? ५. अपनी बातचीत में हास्य-विनोद मिलाने का कोशल आप में है ? ६. भय ब शोक में आप डूब तो नहीं जाते ? ७. अपने निश्चयों की सत्यता पर आप स्वयं संदेह सील तो नहीं रहते ? ८. आपकी बुद्धी व्यवसाय मय है या नहीं ? ९. बातचीत में आप धारा प्रवाह बोल सकते है या नहीं ? १०. व्याख्यान देते हुये किसी

समाधान ज्योतिष परामर्श केन्द्रम

                          || ओम गणेशाय नम: || १.क्या आप , कुंडली दिखाना या बनवाना चाहते है ? ( समय ज्ञात न होने पर भी फलकथन) २.क्या है!आपका लकी स्टोन ? ३.क्या आपको नौकरी , व्यवसाय में कोई परेशानी है ? ४.क्या आप कोई असाध्य रोग से पीड़ित है    ( कुंडली द्वारा रोगों का परीक्षण एवं निदान) ५.क्या आप   अपने   वैवाहिक जीवन , संतान सम्बन्धी समस्या से परेशानी है ? ६.क्या आपको शिक्षा , धन , वाहन , घर(मकान) , ऋण , मुक़दमे , विदेश यात्रा , आय क्षेत्र में किसी प्रकार की परेशानी है ? अगर हाँ   तो मिलें   -----------------------------------------------------------------------------------       साधना-असंभव   कार्य को भी संभव बनाती है   समाधान ज्योतिष परामर्श केन्द्रम आचार्य   पं.गिरीश दयाल चतुर्वेदी ( ज्योतिर्विद एवं कर्मकांड विशेषज्ञ) सम्पादक-"कार्तिवीर्य साधना समुच्चय " --------------------------------------------------------------------------------------------------------------- हमारा पता है ' राघवाश्रय 'LIG||192 मुखर्जी नगर , विदिशा (म.प्र.)