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Showing posts from March, 2012

विवाह योग्य कन्याओं के लिए विशेष पूजन

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विवाह योग्य कन्याओं के लिए विशेष पूजन षष्ठी तिथि को होती है पूजा pt.Girish dayal chaturvedi  शक्ति पर्व चैत्र वासंतेय नवरात्रि के उपलक्ष्य में मां भगवती कात्यायिनी का विशेष पूजन षष्ठी के दिन किया जाता है। यह खास तौर पर विवाह योग्य कन्याओं के लिए षष्ठी पूजन, वरार्थिनी कन्याओं एवं संतान अभिलाषी द्वारा विशेष पूजन तथा मनोकामना पूर्ति का दिन माना जाता है। चारों ओर नवरात्रि महोत्सव पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रतिदिन भगवती का नयनाभिराम श्रृंगार एवं दिव्य आरती भक्तों को आकर्षित करती है। भगवती योगमाया कात्यायनी मां देवियों में सर्वाधिक सुंदर है। ऐसी सौंदर्य स्वरूपा का नवरात्रि में दर्शन का विशेष महत्व है। वरार्थिनी कन्याओं एवं विशेष रूप में जिनके विवाह में बाधा आ रही है या विलंब हो रहा हो, इसके लिए नवरात्रि की षष्ठी तिथि पर व

ईश्वर में आस्था आयु बढ़ाती है ?

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ईश्वर में आस्था आयु बढ़ाती है पिछला | अगला आस्था से मिलती है आत्मिक शांतिः डॉ. क्यौनिश मानते हैं कि ईश्वरीय आस्था से मन को जो शांति मिलती है, उससे जीवन के तनाव शिथिल होते हैं। मानसिक विषाद तथा हृदय और रक्तसंचार की बीमारियां होने की संभावना घटती है। इससे आयु बढ़ती है। डॉ. क्यौनिश कहते हैं कि जो कोई जीवनभर सप्ताह में कम से कम एक बार किसी देवालय या पूजास्थल पर जाता है, उस की आयु ललगभग सात साल तक बढ़ सकती हैं। जिनका जीवन बहुत तनावपूर्ण है और जीवनप्रत्याशा औरों से कम, सप्ताह में एक बार भगवान के घर जाने से उन की आयु 14 वर्ष तक भी बढ़ सकती है। 2002 में डॉ. क्यौनिश ने एक नया अध्ययन पेश किया। सांस और हृदय रोग के 276 रोगियों के बीच उन्होंने यह जानने का प्रयास किया कि जो लोग अकेले में 'चुपचाप ईश्वर को नमन करते हैं' और जो लोग मिल-जुल कर 'सामूहिक तौर पर धार्म