कालसर्प योग किसे कहते हैं
ज्योतिष में ग्रहों, राशियों व लग्नों की स्थिति के अनुरूप अनेक शुभाशुभ योग होते हैं, जिनमें कालसर्प एक प्रमुख योग है। क्या है कालसर्प योग? जन्मपत्रिका में राहु व केतु के बीच जब समस्त सात ग्रह आ जाएं तो काल सर्प योग कहते हैं। इसके मुख्यतः दो भाग विद्वानों ने बताये हैं। 1. उदित काल सर्प योग: यदि राहु द्वारा सभी ग्रह ग्रसित हो तो इसे उदित काल सर्प योग कहते हैं। 2. अनुदित काल सर्प योग: यदि केतु ग्रह द्वारा समस्त ग्रह ग्रसित हो तो इसे अनुदित कालसर्प योग कहते हैं। यदि कोई एक ग्रह ग्रसित होने से रह जाये तो उसे आंशिक कालसर्प योग कहते हैं। प्रभाव: कालसर्प योग का प्रभाव राहु-केतु की जन्म लग्न की स्थिति के अनुसार जातक पर शुभाशुभ होता है, अनेक जातकों को इसने धन व कीर्ति प्रदान की है, पंडित जवाहर लाल नेहरू, फिल्म गायिका लता मंगेशकर, क्रिकेट खिलाड़ी सौरव गांगुली, फिल्मी अभिनेता राज कपूर आदि प्रमुख है। किंतु यह भी सत्य है कि यह योग कठोर परिश्रम करवाता है, व मानसिक चिंताएं देता है। यह चारों जातक/जातिका अपने-अपने क्षेत्र मंे सुविख्यात है, परंतु इन्होंने कठोर परिश्रम द्वारा धीरे-धीरे प्रसिद्धि प्राप्त क