रोग निवारण हेतु रुद्राक्ष प्रयोग

एक मुखी रुद्राक्ष - धारण करने से स्त्री संबंधी रोग ह्रदय रोग त्वचा रोग तथा उधर संबंधी रोगों की शांति में सहायक है

दो मुखी रुद्राक्ष - मस्तिष्क गुर्दा फेफड़े एवं पाचन तंत्र से संबंधित रोग शांति में सहायक हैं

तीन मुखी रुद्राक्ष - रक्त विकार रक्तचाप शक्ति छेड़ता और स्त्रियों में मासिक धर्म संबंधी रोगों के निवारण में सहायक है

4 मुखी रुद्राक्ष - मानसिक रोग पक्षाघात पीत ज्वर दमा खांसी यौन विकार मंदबुद्धि बच्चों को तथा बाग शक्ति कमजोरी में धारण करें

पंचमुखी रुद्राक्ष - मधुमेह योवन व्याधियों उच्च रक्तचाप बाल गृह आदि रोगों की शांति होती है

छह मुखी रुद्राक्ष - नेत्र रोग दृष्टि दोष नपुंसकता प्रदर रोग निवारण में लाभदायक है

सात मुखी रुद्राक्ष - दुर्बलता लकवा की दुर्बलता मिर्गी रोग में धारण करना शुभ होता है

8 मुखी रुद्राक्ष - चर्म रोग सर्पदंश अभय शीघ्रपतन नपुंसकता एवं ल्यूकोरिया आदि रोगों को शांत करने में लाभकारी है

9 मुखी रुद्राक्ष - हिस्टीरिया महावारी दोस्त मानसिक रोग बच्चों में देर से चलना देर से बोलना आंखों में दृष्टि दोष अपस्मार आदि रोगों को धारण करने में लाभ होता है

10 मुखी रुद्राक्ष - धारण करने से दमा गठिया साहित्य का जलोदर मंदाग्नि एवं नेत्र दोस्त आदि रोगों में लाभप्रद होता है

11 मुखी रुद्राक्ष - हृदयविकार उच्च रक्तचाप मधुमेह आदि के रोगियों को अवश्य धारण करना चाहिए

12 मुखी रुद्राक्ष - कुष्ठ रोग हैजा अतिसार पांडु रोग रतौंधी भगंदर निवारण में सहायक होता है

13 मुखी रुद्राक्ष एवं 14 मुखी रुद्राक्ष सभी प्रकार की महामारी पांडु रोग पीलिया रक्त विकार स्त्री विकार आदि में लाभप्रद होता है

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