नव ग्रह और आप.......

नव ग्रह और आप......

ग्रहों  के कुप्रभावो से परेशान होकर मन में तरह-तरह के कुविचार आने लगते है जैसे-'इस दुःख भरे जीवन से मौत भली,मेरा भाग्य ही खराब है जो ग्रहों ने मुझे  परेशान कर रखा है  ऐसे जीने से तो अच्छा है भगवान मुझे उठा ही ले.....'इस तरह व्यर्थ बाते सोच-सोचकर मानसिक और शारीरिक रूप से कष्ट पाते हुए जीवन को हम  बोझ की तरह जीते है|यदि आपको ग्रहों से पूर्ण परिचय के साथ-साथ उनके अनिष्ट प्रभाव से बचने की रीति ज्ञात हो जाये, तो आप स्वयं को नव ग्रहों के अनिष्ट से बचा सकते है |

नवग्रहों के अनिष्ट से बचने के लिए सबसे उत्तम उपाय 'नवग्रह उपासना'है अपनी जन्मपत्री से सबसे शुभ ग्रह को  जानकर उसकी उपासना करके अन्य ग्रहों को अपने वश में कर सकते है|

कुंडली से ग्रहों के अरिष्ट या अनिष्ट का भान कर लेने पर जब तक उपाय के द्वारा उसे दूर न किया जाए तब तक ज्योतिष की उपयोगिता पर प्रश्न चिन्ह लगा रहेगा ?

किसी भी अनिष्ट से मुक्ति के लिए या किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए उपाय करना अतिआवश्यक है|उपाय का प्रयत्न(कर्म)से सम्बन्ध है और सफलता में पूर्ण  सहायक है|

 प्रायः उपाय दो प्रकार के होते है-

१.लौकिक उपाय 

२.शास्त्रीय उपाय 

यहाँ लौकिक उपायों से तात्पर्य यही है, कि आपके द्वारा कोई भी कार्य करने से पूर्व उसकी पूर्ति के लिए उपलब्ध साधन और प्रयत्न ही है| शास्त्रीय उपाय से तात्पर्य है  नवग्रह उपासना ,रत्न धारण, मन्त्र जप,स्त्रोत्र पाठ जड़ी धारण ,व्रत और दान से है यह ध्यान रखें जब कभी किसी कार्य की  पूर्ति या कष्ट  से मुक्ति पाने के लिए लोकिक उपाय असमर्थ हो जाते है, तब उनके साथ-साथ शास्त्रीय उपायों का सहारा लिया जाता है ऐसा करने पर कार्य कि सिद्धि और कष्ट  से मुक्ति मिलती है |दोनों प्रकार के उपायों का प्रयोग अनुकूल ग्रह स्थिति  के प्रभाव को बढाने में  और प्रतिकूल ग्रह स्थिति  के प्रभाव को कम करने में किया जाता है 

अत:आप आलस्य न करें कर्म योगी बनकर किसी विद्द्वान ज्योतिषी के सहयोग से अपने अंदर छिपी हुई संभावनाओ को जानकर प्रयत्नशील हो जाइये और उपायों  के सहयोग से जीवन पथ की बाधाएं दूर करके सफलता प्राप्त करें.........

 

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